Saturday, May 15, 2010

कैंसर को पनपने से रोकता है गाय का घी

गाय के घी को पवित्र मानने की प्राचीन भारतीय परंपरा को एक नई वैज्ञानिक खोज से समर्थन मिला है। वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। उनके मुताबिक इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है तथा इस घातक बीमारी के फैलने की गति को भी कम किया जा सकता है।

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) करनाल के एनीमल बायोकैमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ. वी.के. कंसल ने अपने दो सहयोगियों के साथ गाय के घी पर छह साल तक शोध किया। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है बल्कि इस बीमारी के फैलने की गति को भी आश्चर्यजनक ढंग से कम कर देता है।

शोधकर्ताओं ने चूहों के दो समूहों को कैंसर पैदा करने वाली डीएमएच नामक ड्रग दी। इनमें से एक समूह को सोयाबीन तेल तथा दूसरे को गाय के घी की नियमित खुराक दी गई। दोनों समूहों में कैंसर पैदा होने और उसके फैलने की गति अलग-अलग पाई गई। सोयाबीन तेल खाने वाले समूह में जहां साल भर बाद कैंसर फैलने की गति 65.4 प्रतिशत निकली, वहीं गाय का घी पर पलने वाले चूहों में कैंसर के बढ़ने की रफ्तार आधे से भी कम 26.6 प्रतिशत पाई गई।

घी खाने वाले समूह के चूहों में ट्यूमर भी पहले समूह के चूहों के मुकाबले काफी छोटे पाए गए। और वे अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ भी थे। घी के रोगनाशी गुणों पर अपने तरह का पहला शोध प्रतिष्ठित ‘इंडियन जनरल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ में प्रकाशित होने के लिए स्वीकृत कर लिया गया है।

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