Monday, May 31, 2010

गोरक्षा - आन्दोलन का संक्षिप्त इतिहास


गोवंश सदैव से भारतीय धर्म कर्म एंव संस्कृति का मूलाधार रहा है। कृषि प्रधान देश होने से भारतीय अर्थव्यवस्था    का स्त्रोत  रहा है। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अमर सैनानियो-लोकमान्य तिलक महामना मालवीय गोखले  आदि ने  यह घोषणा की थी स्वराज्य मिलते ही गोवध तुरना बंन्द कराया जायगा। उपयुर्क्त नेताओं की घोषणाओ को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता को आशा थी कि अंग्रजी शासन चले जाने के साथ ही साथ गोहत्या का कलंक  भी इस देश से मिट जायगा। किन्तु वह आशा फलीभूत नहीं हुई। इसे देश का दुभार्ग्य ही कहा जायगा

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